अक्टूबर 2025 में बच्चों की बल्ले-बल्ले – प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में एक साथ मिल रही 45 दिन की छुट्टी, जानिए कारण!

45 Days Holiday – बच्चों के लिए साल 2025 की सबसे बड़ी खुशखबरी आ गई है। इस बार अक्टूबर महीने में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एक साथ 45 दिन की लंबी छुट्टियों का ऐलान हो चुका है। जहां एक ओर बच्चे इस खबर से बेहद उत्साहित हैं, वहीं माता-पिता भी सोच में हैं कि आखिर इतनी लंबी छुट्टियां क्यों दी जा रही हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पूरे देश के अधिकतर राज्यों में एकसाथ इतना लंबा ब्रेक दिया जा रहा है। आइए जानते हैं इस छुट्टी के पीछे की पूरी वजह, इसका शेड्यूल और इसका असर बच्चों की पढ़ाई और पैरेंट्स पर कैसा पड़ेगा।

इतनी लंबी छुट्टियां क्यों दी जा रही हैं?

इस बार अक्टूबर 2025 में कई बड़ी वजहें हैं जिनके कारण स्कूलों को 45 दिन तक बंद रखने का फैसला लिया गया है:

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार अब स्कूलों में ‘सीजनल ब्रेक’ को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • अक्टूबर में त्योहारों की भरमार है – नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ, दिवाली और भैया दूज, जो करीब 20 दिनों तक फैले हैं।
  • कई राज्यों में चुनाव की तारीखें भी अक्टूबर और नवंबर में तय की गई हैं, जिसके चलते स्कूलों को पोलिंग बूथ के रूप में उपयोग किया जाएगा।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार इस बार डेंगू, चिकनगुनिया जैसे वायरल इंफेक्शन के खतरे के चलते बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों को बंद रखने की सिफारिश की गई है।

छुट्टियों का शेड्यूल और संभावित तारीखें

नीचे कुछ प्रमुख राज्यों के अनुमानित शेड्यूल दिए जा रहे हैं, जो शिक्षा विभाग की इंटरनल नोटिस के आधार पर तैयार किए गए हैं:

राज्य का नाम छुट्टियां शुरू छुट्टियां खत्म कुल दिन
उत्तर प्रदेश 1 अक्टूबर 15 नवंबर 46 दिन
दिल्ली 3 अक्टूबर 16 नवंबर 45 दिन
महाराष्ट्र 5 अक्टूबर 18 नवंबर 45 दिन
मध्य प्रदेश 2 अक्टूबर 17 नवंबर 46 दिन
राजस्थान 4 अक्टूबर 19 नवंबर 46 दिन
बिहार 1 अक्टूबर 14 नवंबर 45 दिन
कर्नाटक 3 अक्टूबर 16 नवंबर 45 दिन

ध्यान दें: ये तारीखें राज्यों की प्रारंभिक अधिसूचना पर आधारित हैं। स्थानीय प्रशासन इसे स्कूल स्तर पर एडजस्ट कर सकता है।

बच्चों और माता-पिता पर इसका असर

बच्चों के लिए फायदे:

  • त्योहारों का पूरा आनंद मिलेगा, जिसमें परिवार के साथ समय बिताने का मौका रहेगा।
  • लंबे समय बाद मानसिक और शारीरिक रूप से रिलैक्स महसूस करेंगे।
  • जो बच्चे किसी हॉबी या एक्टिविटी को समय नहीं दे पाते, उनके लिए ये सुनहरा मौका है।

माता-पिता के लिए चुनौतियां:

  • कामकाजी पैरेंट्स के लिए बच्चों को घर पर संभालना चुनौती हो सकता है।
  • बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो, इसके लिए उन्हें समय-सारिणी बनानी होगी।
  • अगर दोनों पैरेंट्स नौकरी में हैं, तो उन्हें छुट्टियों का विकल्प तलाशना पड़ेगा।

व्यक्तिगत अनुभव:
मेरी खुद की बेटी कक्षा 6 में पढ़ती है। जब स्कूल से छुट्टियों की सूचना आई, तो उसकी खुशी देखने लायक थी। लेकिन मेरे और मेरी पत्नी दोनों के ऑफिस में कोई ब्रेक नहीं था, तो हमने मिलकर एक टाइमटेबल बनाया – जिसमें वो रोज़ सुबह एक घंटा स्टडी करती है, फिर शाम को डांस क्लास और थोड़ी सोशल एक्टिविटी का हिस्सा बनती है। इससे उसका मन भी लगा रहता है और पढ़ाई में भी ब्रेक नहीं आता।

स्कूलों की तैयारी – ऑनलाइन क्लास या असाइनमेंट?

कुछ प्राइवेट स्कूलों ने इस 45 दिन की छुट्टियों को देखते हुए पहले से ही कुछ कदम उठाए हैं:

  • गूगल क्लासरूम या Zoom क्लासेस के जरिए हफ्ते में 2-3 बार पढ़ाई करवाई जाएगी।
  • असाइनमेंट और प्रोजेक्ट वर्क बच्चों को पहले ही दे दिए जाएंगे।
  • कुछ स्कूलों ने ऐप के जरिए रिपोर्टिंग और प्रगति मॉनिटरिंग का तरीका अपनाया है।

क्या इस छुट्टी से पढ़ाई पर असर पड़ेगा?

यह चिंता स्वाभाविक है कि इतनी लंबी छुट्टी बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित कर सकती है, लेकिन अगर घर पर पढ़ाई को सही तरीके से मैनेज किया जाए तो यह समय एक अवसर बन सकता है:

  • रोज़ कम से कम 1-2 घंटे सेल्फ स्टडी ज़रूरी है।
  • पैरेंट्स बच्चों को पढ़ाई के साथ रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करें – जैसे पेंटिंग, स्टोरी राइटिंग, गेम्स।
  • त्योहारों के दौरान भी कुछ दिन पढ़ाई के लिए निकालना चाहिए।

सरकार और शिक्षा विभाग की अपील

शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों और अभिभावकों से अपील की है कि:

  • बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ये छुट्टियां ज़रूरी हैं।
  • त्योहारों और चुनाव के चलते स्कूल संचालन मुश्किल हो सकता है।
  • सभी स्कूलों को यह भी कहा गया है कि वे बच्चों के लिए वैकल्पिक शिक्षण की व्यवस्था करें।

45 दिन की छुट्टियां बच्चों के लिए तो खुशी का मौका हैं, लेकिन पैरेंट्स के लिए यह एक जिम्मेदारी भी है। अगर इस समय को सही तरीके से मैनेज किया जाए तो बच्चों की पढ़ाई, मानसिक विकास और पारिवारिक जुड़ाव – तीनों को ही बेहतर बनाया जा सकता है। यह मौका है जहां बच्चे न सिर्फ त्योहारों का मज़ा लेंगे, बल्कि अपने जीवन के महत्वपूर्ण स्किल्स भी सीख सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):

प्र.1: क्या सभी राज्यों में 45 दिन की छुट्टियां लागू होंगी?
उत्तर: नहीं, छुट्टियों की अवधि राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के फैसले पर निर्भर करेगी, लेकिन ज़्यादातर राज्यों में लगभग 40-45 दिन की छुट्टियां दी जा रही हैं।

प्र.2: क्या स्कूल इन छुट्टियों में ऑनलाइन क्लास चलाएंगे?
उत्तर: कुछ प्राइवेट स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास और असाइनमेंट सिस्टम का ऐलान किया है, लेकिन सरकारी स्कूलों में ज्यादातर ऑफलाइन ही छुट्टी रहेगी।

प्र.3: बच्चों की पढ़ाई का नुकसान कैसे रोका जा सकता है?
उत्तर: अभिभावकों को बच्चों का एक टाइमटेबल बनाकर नियमित पढ़ाई करानी चाहिए, साथ ही रचनात्मक गतिविधियों से भी जोड़ना चाहिए।

प्र.4: क्या इन छुट्टियों के दौरान स्कूल फीस देनी होगी?
उत्तर: हां, छुट्टियों के दौरान भी सामान्य रूप से स्कूल फीस देनी होती है, जब तक कि स्कूल प्रबंधन कोई विशेष छूट की घोषणा न करे।

प्र.5: क्या यह छुट्टी शिक्षा नीति के तहत तय की गई है?
उत्तर: हां, कुछ हद तक यह फैसला नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के सीजनल ब्रेक प्रावधान के अनुसार लिया गया है, लेकिन बाकी वजहें जैसे चुनाव, स्वास्थ्य और त्योहार भी प्रमुख कारण हैं।